सूचक किसे कहते हैं?
सूचक एक ऐसा पदार्थ होता है जो किसी अम्ल या क्षार के घोल में मिलाने पर रंग बदलता है। यह रंग परिवर्तन हमें घोल की प्रकृति (अम्लीय या क्षारीय) के बारे में बताता है।
सूचक के प्रकार:
- अम्ल-क्षार सूचक: ये सूचक अम्लीय और क्षारीय घोल में अलग-अलग रंग दिखाते हैं।
- सामान्य सूचक: ये सूचक अम्लीय और क्षारीय दोनों घोल में रंग बदलते हैं।
- विशेष सूचक: ये सूचक केवल एक विशेष प्रकार के अम्ल या क्षार के साथ रंग बदलते हैं।
सूचक के कुछ उदाहरण:
- लिटमस: यह सबसे आम सूचक है। यह अम्लीय घोल में लाल और क्षारीय घोल में नीला रंग दिखाता है।
- फिनोल्फथेलिन: यह अम्लीय घोल में रंगहीन और क्षारीय घोल में गुलाबी रंग दिखाता है।
- मेथिल ऑरेंज: यह अम्लीय घोल में लाल और क्षारीय घोल में पीला रंग दिखाता है।
सूचक का उपयोग:
- अम्ल और क्षार की पहचान करने के लिए
- अम्ल या क्षार की सांद्रता ज्ञात करने के लिए
- अम्लीय-क्षारीय अभिक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए
सूचक का उपयोग करते समय सावधानियां:
- सूचक की एक छोटी मात्रा का उपयोग करें।
- सूचक को सीधे धूप से दूर रखें।
- सूचक को ठंडी और सूखी जगह पर रखें।
यह भी ध्यान रखें:
- सभी सूचक सभी अम्ल और क्षार के साथ रंग नहीं बदलते हैं।
- सूचक का रंग परिवर्तन घोल की तापमान पर भी निर्भर करता है।
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